एक महीने में बाघ समेत 4 जीवों की मौत, गोरखपुर चिड़ियाघर में मचा हड़कंप; सामने आई ये वजह


राज्यमंत्री ने किया गोरखपुर चिड़ियाघर का दौरा
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर चिड़ियाघर में 1 महीने में चार जीवों की मौत से हड़कंप मचा हुआ है. गुरुवार को 16 वर्षीय तेंदुए मोना की मौत हुई, वही, इससे पहले बुधवार को 22 महीने की बाघिन शक्ति, 5 मई को मादा भेड़िया भैरवी और 30 मार्च को बाघ केसरी की मौत हो गई थी. वहीं, अभी 16 वर्षीय बब्बर शेर पटौदी की भी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. डॉक्टर की माने तो पटौदी के लीवर और पेनक्रियाज में इंफेक्शन हुआ है.
कुछ दिनों में हुए इन वन्यजीवों की मौत के बाद गोरखपुर चिड़ियाघर का निरीक्षण करने प्रदेश के वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान पहुंचे. इस दौरान उन्होंने चिड़ियाघर का निरीक्षण किया और कुछ ही दिनों में हुए वन्य जीवों की मौत के संबंध में चिड़ियाघर के डायरेक्टर एवं विभागीय अधिकारियों सहित कर्मचारियों को निर्देशित करते हुए वन्य जीवों की विशेष निगरानी के निर्देश दिए. उन्होंने नाइट शिफ्ट के साथ अस्पताल में 24 घंटे निगरानी करने के साथ ही अतिरिक्त टीम गठित करने के लिए भी कहा.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आई वजह
गोरखपुर चिड़ियाघर में वन्य जीवों की मौत का सिलसिला जारी है. गुरुवार को भी 16 साल के तेंदुआ मोना की मौत हो गई. जिसके बाद इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट की टीम ने पोस्टमार्टम में स्तन ग्रंथि में कैंसर को पुष्टि की है, जो तेंदुए के फेफड़े और लीफ नोट तक फैल चुकी थी. मोना को कानपुर के चिड़ियाघर से लाया गया था. जिस समय उसे गोरखपुर चिड़ियाघर में लाया गया था उस समय उसकी उम्र 11 साल थी.
गोरखपुर चिड़ियाघर में कई जीवों की मौत
इससे पहले मंगलवार की देर रात बाघिन शक्ति की तबीयत बिगड़ गई थी. बुधवार की सुबह इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई थी. बाघिन शक्ति के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मल्टीपल ऑर्गन फेलियर से मौत की पुष्टि हुई थी. शक्ति को मार्च 2023 में मैलानी जंगल से रेल लाइन के पास से रेस्क्यू कर लाया गया था. संभवतह ट्रेन की चपेट में आने से वह घायल हो गई थी. उसका प्राथमिक उपचार लखीमपुर के अस्थाई वन्य जीव केंद्र में हुआ था.
मादा भेड़िया भैरवी की मौत
इसके बाद बेहतर इलाज के लिए उसे गोरखपुर चिड़ियाघर लाया गया, जहां उसका इलाज चला. शक्ति को विशेष निगरानी में रखा गया था. धीरे-धीरे उसकी तबीयत ठीक हो रही थी अभी वह पूरी तरह वयस्क नहीं हुई थी. इसलिए उसे आम पर्यटकों के लिए प्रदर्शित नहीं किया गया था. वहीं, सोमवार को मादा भेड़िया भैरवी की अचानक मौत हो गई. मौत से एक दिन पहले भैरवी ने पानी पीना बंद कर दिया था. उसकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी.
हेल्थ रिपोर्ट तैयार करने के आदेश
भैरवी को बहराइच से सितंबर 2024 में भेड़िया भैरव के साथ रेस्क्यू कर लाया गया था. दोनों को वापस जंगल में नहीं छोड़ा गया क्योंकि दोनों को आदमखोर घोषित कर दिया गया था. अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान में निरीक्षण करने पहुंचे वन मंत्री ने कहा कि वन्य जीवों को इंफेक्शन से बचने के लिए साफ सफाई रखें. मिनरल वाटर का उपयोग करें साथ ही हेल्थ रिपोर्ट भी तैयार करें. उन्होंने कहा कि वन्य जीवों को संरक्षित एवं सुरक्षित रखना हमारी पहली प्राथमिकता है. इस दौरान उन्होंने वन्य जीवों की इलाज कर रहे डॉक्टरों की टीम से मुलाकात की और वन्य जीव के हो रहे ट्रीटमेंट का जायजा भी लिया.