आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा जेल से रिहा, कहा अन्याय की हार हुई और न्याय की जीत | samajwadi party leader azam khan wife tanzeen fatima coming out jail first Reaction


तंजीम फातिमा
समाजवादी पार्टी के नेता मोहम्मद आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा को पिछले सप्ताह इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद बुधवार को रामपुर जिला जेल से रिहा कर दिया गया. इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मामले में 24 मई को समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान, उनकी पत्नी फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खान को जमानत दे दी थी. जेल से रिहा होने के बाद तंजीम फातिमा ने कहा, “अन्याय की हार हुई है और न्याय की जीत हुई है…”
बता दें कि रामपुर की एक अदालत ने मोहम्मद आजम खान के परिवार के तीन सदस्यों को जालसाजी का दोषी पाया था. हालांकि उच्च न्यायालय ने सभी को जमानत दे दी है, लेकिन आजम खान एवं उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान को फिलहाल में जेल में रहने होंगे, क्योंकि उनके खिलाफ और कई अन्य मामले भी चल रहे हैं.
स्थानीय कोर्ट द्वारा द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद पिछले साल यानी 2023 के 28 अक्टूबर से तंजीम फातिमा जेल में थीं. अब्दुल्ला के जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित जालसाजी के मामले में रामपुर सत्र न्यायालय ने उन्हें सात साल की कैद की सजा सुनाई थी.
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मामला 3 जनवरी 2019 का है, जब आकाश सक्सेना, जो अब रामपुर से भाजपा विधायक हैं, ने शिकायत दर्ज कराई थी कि आजम खान और उनकी पत्नी ने अपने बेटे अब्दुल्ला के लिए दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाए थे.
जेल से रिहा हुईं तंजीम फातिमा
इसके बाद, अदालत ने तीनों को भारतीय दंड संहिता की 467 (मूल्यवान सुरक्षा की जालसाजी), धारा 420 (धोखाधड़ी), 471 (जाली दस्तावेज को असली के रूप में इस्तेमाल करना), 468 (धोखाधड़ी के लिए जालसाजी) और सहित विभिन्न धाराओं के तहत दोषी पाया. सजा के बाद से रामपुर से सांसद आजम खान सीतापुर जेल में बंद हैं. अब्दुल्ला आजम फिलहाल हरदोई जेल में हैं, जबकि फातिमा रामपुर जेल में कैद थीं.
जेल से रिहा होने के बाद कही ये बात
पत्रकारों से बात करते हुए फातिमा ने कहा, “अन्याय की हार हुई और अदालत ने न्याय को जीवित रखा है.” पति आजम खान और बेटे अब्दुल्ला के बारे में पूछे जाने पर, फातिमा ने कहा कि उन्हें एक सुनियोजित साजिश के तहत दोषी ठहराया गया था. इसमें पुलिस, सरकार और उन्हें से भी शिकायत है, क्योंकि मीडिया ने भी उसके मामले को नहीं उठाया.” अपनी रिहाई को “न्याय की शुरुआत” बताते हुए फातिमा ने कहा कि वह समर्थकों को बताना चाहती हैं कि अंततः सत्य की जीत होगी.