अमेठी रायबरेली से क्या लड़ेंगे राहुल प्रियंका? आज कांग्रेस चुनाव कमेटी की बैठक | Rahul Priyanka fight Amethi Rae Bareli Congress Election committee Meeting UP in charge Avinash Pandey Lok Sabha Election 2024


प्रियंका गांधी और राहुल गांधी
अमेठी और रायबरेली सीटों को लेकर कई दिनों से चल रहा सस्पेंस पर अब विराम लगने वाला है. अमेठी और रायबरेली पर उम्मीदवार का नाम तय करने के लिए कांग्रेस चुनाव कमेटी की शनिवार को बैठक होगी. यह बैठक शाम आठ बजे होने के आसार हैं. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उत्तर प्रदेश में अमेठी और रायबरेली पर उम्मीदवारी को अंतिम रूप दिया जा सकता है.इस बीच, उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी ने अमेठी और रायबरेली पर उम्मीदवारी को लेकर बड़ा संकेत दिया है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह बैठक पार्टी कैडर द्वारा पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को अमेठी से और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को रायबरेली सीट से मैदान में उतारने की जोरदार मांग के बीच होने वाली है. जहां राहुल गांधी पहले से ही केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं, प्रियंका गांधी को अभी चुनावी मैदान में उतरना बाकी है.
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कांग्रेस के यूपी प्रभारी ने दिया बड़ा संकेत
#WATCH लखनऊ: अमेठी और रायबरेली सीटों के बारे में पूछे जाने पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा, “वहां पर यह चुनाव INDIA गठबंधन बहुत मजबूती से लड़ेगा और यह उतना आसान नहीं है जितना भाजपा दिखावा कर रही है, यह दर्शाता है कि वो डरे हुए हैं और हार मान चुके हैं…स्मृति pic.twitter.com/SoXhPuBEyv
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 26, 2024
इस बीच, उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा, “वहां पर यह चुनाव INDIA गठबंधन बहुत मजबूती से लड़ेगा और यह उतना आसान नहीं है, जितना भाजपा दिखावा कर रही है, यह दर्शाता है कि वो डरे हुए हैं और हार मान चुके हैं…स्मृति ईरानी के बयान को कहीं भी महत्व नहीं दिया जाना चाहिए. स्मृति ईरानी के लिए भी यह चुनाव कठिन होने वाला है और निश्चित रूप से INDIA गठबंधन जीतेगा.”
राहुल और प्रियंका के नाम का दिया था प्रस्ताव
बता दें कि इसके पहले कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई की राज्य चुनाव समिति ने अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से प्रियंका गांधी का नाम प्रस्तावित किया था. पिछली केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में भी सीटों पर चर्चा हुई थी, लेकिन संबंधित सीटों से चुनाव लड़ने का फैसला गांधी परिवार पर छोड़ दिया गया था.