लाइफस्टाइल

Surya Dev Arghya Rules In Monsson Rainy Season Know Niyam Benefits And Importance

Surya Dev Arghya in Rainy Day: हिंदू धर्म में नियमित रूप से प्रातकाल सूर्यदेव को जल चढ़ाने का महत्व है. धर्मग्रंथों से लेकर ज्योतिष में भी सूर्य देव को जल चढ़ाने के महत्व और लाभ के बारे में बताया गया है. विशेषतौर पर सूर्य देव को सुबह के समय जल चढ़ाने का विधान है.

सूर्य देव को जल चढ़ाने का महत्व

सूर्य नारायण नौ ग्रहों के राजा हैं. हिंदू धर्म में सूर्य देव को ऐसा देवता माना जाता है, जो कलयुग में भी साक्षात दर्शन देते हैं. कहा जाता है प्रतिदिन सुबह सूर्य के दर्शन मात्र से ही व्यक्ति को कई तरह के लाभ होते हैं. वहीं सूर्योदय के समय सूर्य को जल चढ़ाने से सुख-समृद्धि बनी रहती है, मान-सम्मान और यश की प्राप्ति होती है, ग्रह-दोष दूर होते हैं और व्यक्ति निरोगी जीवन जीता है.

बारिश के मौसम में कैसे दें सूर्य को अर्घ्य

समस्या तब खड़ी हो जाती है जब बारिश और काले-घने बादलों में सूर्य देव के दर्शन नहीं हो पाते हैं. ऐसे में कई लोग असमंजस में रहते हैं कि, सूर्य देव के दर्शन न होने पर अर्घ्य कैसे दें और क्या बिना सूर्य देव के दर्शन के अर्घ्य देने पर इसका लाभ मिलेगा या नहीं. आइये आपको बताते हैं कि कैसे इस बारिश के मौसम में भी आप सूर्य देव को अर्घ्य देकर पुण्य फल प्राप्त कर सकते हैं.   

बारिश में ऐसे चढ़ाएं सूर्य देव को जल

  • ज्योतिष के अनुसार, बारिश या बादलों के होने पर भी सूर्य की शक्ति कम नहीं होती है. ऐसे में आप बारिश में भी पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्य का ध्यान करें और इसके बाद विधिपूर्वक जल अर्पित करें.
  • कहा जाता है कि सूर्योदय के बाद आसमान में बाद छाए रहने के बावजूद भी सूर्य की रश्मियां आसमान में रहती है. इसलिए इस दौरान सूर्य देव के दर्शन न होने पर भी जल चढ़ाने से पूर्ण लाभ मिलता है.
  • जब बादल और बारिश के कारण सूर्य देव के दर्शन न हो पाए तो आप पूर्व दिशा की ओर मुख करके श्रद्धापूर्वक तांबे के लोटे से अर्घ्य दें और इसके बाद सूर्य देव की प्रतिमा या तस्वीर के दर्शन करें.

इन बातों का रखें ध्यान

  • सूर्य देव को जल चढ़ाने के लिए हमेशा तांबे के पात्र का ही प्रयोग करें.
  • अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्र, ऊँ घृणि सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ भास्कराय नम: आदि का जाप करें.
  • सूर्य देव को अर्घ्य देने से पहले ताबें के लोटो में जल भरे और इसमें रोली, लाल फूल और अक्षत डालें.
  • कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति कमजोर हो तो प्रतिदिन सूर्यदेव को जल चढ़ाएं.
  • सूर्य देव को अर्घ्य देते समय अपना मुख हमेशा पूर्व दिशा की ओर ही रखें.

ये भी पढ़ें: Last Sawan Somwar 2023: इस बार 2 महीने का है सावन, जानिए 2023 में आखिरी सावन सोमवार कब?

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. 

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button