उत्तर प्रदेशभारत

नोएडा: कोरोना में घर-घर पहुंचाई सब्जी, अब उसी पूजा की सोसाइटी वालों ने की धूमधाम से शादी; कहा- ये हमारी बेटी जैसी

नोएडा: कोरोना में घर-घर पहुंचाई सब्जी, अब उसी पूजा की सोसाइटी वालों ने की धूमधाम से शादी; कहा- ये हमारी बेटी जैसी

नोएडा की क्लियो काउंटी सोसाइटी में हुई शादी.

कोरोना महामारी को कौन भूल सकता है. इस महामारी में किसी ने अपनों को खोया, किसी ने रिश्तेदारों को खोया तो किसी ने आस-पड़ोस में रह रहे लोगों की अर्थियां जाते देखी. हर ओर गम ही गम था. इस गम में कोई अपनी सांसें बचाने की जद्दोजहद कर रहा था तो कोई अपनी सांस को ‘गिरवी’ रखकर दूसरों का पेट भर रहा था. ऐसी सी कहानी है नोएडा की क्लियो काउंटी सोसाइटी में सब्जी बेचने वाले परिवार की बेटी पूजा की.

पूजा की क्लियो काउंटी सोसाइटी में धूमधाम से शादी की गई. इस शादी का पूरा खर्चा सोसाइटी के रहने वाले लोगों ने ही उठाया. पूजा और उसके पति को खूबसूरत गिफ्ट दिए. साथ ही सोसाइटी के लोग इस शादी में हंसी खुशी के साथ शरीक हुए. यही नहीं पूजा की विदाई के समय सोसाइटी में रह रहीं महिलाओं के आंखों से आंसू तक निकल आए. उन्होंने पूजा को हमेशा खुश रहने का आशीर्वाद दिया. आइए जानते हैं कि आखिर एक सब्जी बेचने वाले परिवार की बेटी पूजा कैसे सोसाइटी के लोगों में इतना घुल मिल गई कि लोग उसे अपने परिवार का हिस्सा मानने लगे?

कोरोना काल में घर-घर पहुंचकर दी सब्जी

कोरोना काल के समय पूजा की उम्र महज 16 साल थी. उसके माता-पिता सोसाइटी के पास में ही सब्जी की दुकान लगाते थे. उस समय जब क्लियो काउंटी सोसाइटी के लोग अपने-अपने घरों में कैद थे तो पूजा के माता-पिता उनका पेट भर रहे थे और इसमें पूजा का बहुत बड़ा रोल था. कोरोना काल में पूजा हर दूसरे दिन सोसाइटी में चक्कर लगाती. वह सोसाइटी में लोगों तक सब्जियां पहुंचाती. मास्क पहनकर पूजा सोसाइटी में दाखिल होती. फिर सब्जियों की थैलियां फ्लैट्स के बाहर रख देती. फिर दरवाजे की घंटी बजाती और अगली बिल्डिंग की ओर बढ़ जाती.

कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बैगर उसने सोसाइटी के एक-एक घर में हरी-भरी सब्जियां पहुंचाई. यही नहीं कोई कुछ सामान मंगाता तो पूजा उसे भी ला देती. महामारी में भी कभी उसने किसी काम से इनकार नहीं किया. ऐसे में वह धीरे-धीरे सोसाइटी की दुलारी हो गई. पूजा को लेकर सोसाइटी के लोगों में अपना पन दिखने लगा और बहुत उसका बड़ा सम्मान करते.

क्लियो काउंटी सोसाइटी में हुआ शादी का आयोजन

बीते सोमवार को इसी क्लियो काउंटी सोसाइटी के क्लब हाउस में पूजा की शादी का समारोह आयोजित किया गया. सोसाइटी के लोग ही उसका परिवार बनकर इस शादी समारोह में शामिल हुए. सोसायटी के निवासियों ने मिलकर उसकी शादी का आयोजन किया. आयोजन स्थल से लेकर दुल्हन की साड़ी, मेकअप और उसके और दूल्हे के लिए उपहारों तक हर चीज का जिम्मा सोसाइटी के लोगों ने उठाया.

क्लियो काउंटी सोसाइटी में रहने वाले राकेश कुमार अरोड़ा ने कहा कि कोरोना काल में पूजा ने जो हमारे लिए किया, वो कोई नहीं कर सकता. खासकर सोसाइटी के बुजुर्ग निवासियों के लिए, उन कठिन दिनों में बहुत आसान हो गया. पूजा हमारे लिए बेटी जैसी बन गई. उसके माता-पिता ने अपनी मुश्किलों के बारे में हमें बताया तो हमने सोचा कि हमें कुछ करना चाहिए. फिर हम सब सोसाइटी वालों ने मिलकर उसकी शादी कराई. दूल्हा, जो कभी इसी सोसाइटी में सिक्योरिटी गार्ड का काम करता था, अब एक निजी कंपनी में ड्राइविंग है.

जब हमारा कोई नहीं था तो पूजा ने साथ दिया

2021 में सोसायटी में रहने आए 64 वर्षीय अश्विनी लांबा ने कहा कि जब वह और उनकी पत्नी दूसरी लहर के दौरान कोविड से संक्रमित हुए तो पूजा ने उनका बहुत साथ दिया. अश्विनी लांबा ने कहा कि तब सोसाइटी में हमारा कोई परिचित नहीं था, जिससे हम मदद ले सकें. जब हम दोनों कोविड से संक्रमित हुए और आइसोलेशन में चले गए तो सोसाइटी के एक साथी निवासी ने पूजा को हमारी सहायता करने के लिए सुझाया.

अश्विनी लांबा ने कहा कि वह लगातार सब्जियां, फल, दूध और अन्य चीजों सहित जरूरी सामान पहुंचाती थी. यहां तक कि अगर किसी चीज की जरूरत नहीं होती थी तो भी वह हमारी भलाई जानने के लिए फोन करती थी. कोरोना काल में जब हमने उसकी सुरक्षा के लिए चिंता व्यक्त की और थोड़ा एहतियात बरतने की सलाह दी तो उसने विनम्रता से कहा, “आपकी दुआएं हैं, वही बहुत है.”

पूजा की शादी में खर्च हुए साढ़े 4 लाख रुपए

पूजा की शादी में सोसाइटी के एक परिवार ने 1.2 लाख रुपए की मदद की. एक परिवार ने शादी के कपड़े दिए. कई अन्य लोगों से फ्रिज, बर्तन और साड़ियां जैसे उपहार दिए. शादी के आयोजन में करीब 4.5 लाख रुपए खर्च हुए. सोसाइटी के लोगों ने कहा कि हमें पूजा की शादी करके ऐसा लग रहा है कि जैसे हमने अपनी ही बेटी की शादी की है. अब पूजा सरफाबाद में रह रही हैं. उन्होंने कहा कि सभी ने मुझे अपनी बेटी की तरह माना. इससे ज्याद और खुशी की बात और क्या हो सकती है.



Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button