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मुरादाबाद में 45 साल से बंद कुएं की हो रही खुदाई, 524 साल पुराना है इसका इतिहास

मुरादाबाद में 45 साल से बंद कुएं की हो रही खुदाई, 524 साल पुराना है इसका इतिहास

45 साल से बंद था कुआं.

मुरादाबाद जिले के रतनपुर कलां में बुधवार को 45 साल से बंद पड़े प्राचीन कुएं को खुदवाने का काम जिला प्रशासन ने पुलिस की मौजूदगी में शुरू कराया. कुआं प्राचीन शिव मंदिर के ठीक सामने मोजूद है, जो सन 1501 का बताया जाता है. कुएं का इतिहास मालवा की धरती से आए परमार वंशज से है. उस समय रतन सिंह अपने परिवार के साथ यहां आकर बस गए थे, जिनके नाम पर ही आज रतनपुर कलां को जाना जाता है.

दरअसल, इसी परिवार की 26वीं पीढ़ी के लोग यहां मौजूद हैं, जिन्होंने इस प्राचीन मंदिर और कुएं के बारे में विस्तार से बताया है. उनका कहना है कि मंदिर के सामने होली चौक है, जहां पर शादी-विवाह के दौरान कुएं पर पूजा-पाठ का आयोजन होता था, लेकिन 1980 के बाद से दूसरे समुदाय के लोगों ने विवाद पैदा करके कुएं को बंद कर दिया. कई बार दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने तक आ चुके हैं.

JCB से खोदा जा रहा कुआं

आखिरकार अब परमार परिवार और स्थानीय लोगों की शिकायत के मद्देनजर जिला प्रशासन ने पुलिस की मौजूदगी में आज JCB की मदद से कुएं को खुदवाना शुरू कर दिया और कुएं की मरम्मत का काम भी तेजी के साथ किया जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि ये सब योगी सरकार में ही संभव हो पाया है. वहीं मौके पर एसडीएम बिलारी विनय कुमार सिंह ने बताया कि दोनों समुदायों की सहमति के बाद कुएं को खोला जा रहा है.

पहले होता था कुआं पूजन

एसडीएम बिलारी विनय कुमार सिंह ने बताया कि कुछ लोगों के द्वारा एक शिकायत की गई थी, जिसमें प्रशासन को यह बताया गया था कि यहां बहुत पहले एक कुआं हुआ करता था. त्योहार पर हिंदू समाज के लोग कुआं पूजन करते थे. कुछ समय बाद समुदाय विशेष के लोगों से तनातनी हो गई तो समुदाय विशेष के लोगों ने कुएं को बंद कर दिया, तभी से ये कुआं बंद है.

दोनों समुदाय से बात कर हो रही कुएं की खुदाई

एसडीएम बिलारी विनय कुमार सिंह ने बताया कि कुएं की फिर से खुदाई के संबंध में दोनों समुदाय के लोगों से वार्ता की गई. वार्ता के समय प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस अधिकारी को भी बैठना पड़ा. दोनों पक्षों के द्वारा जिन बातों पर सहमति रखी गई, उसी के अनुसार बुधवार को प्रशासन की टीम के द्वारा सुबह 7:00 से खुदाई का काम शुरू करवा दिया गया. दोनों समुदाय के लोगों को कुएं को लेकर कोई आपत्ति नहीं है.

ग्राम प्रधान ने कहा- हमें कोई आपत्ति नहीं

ग्राम प्रधान इस्तखार से जब पूरे प्रकरण को लेकर जानकारी की गई तो ग्राम प्रधान के द्वारा बताया गया कि 90 के दशक में यह कुआं बंद हो गया था. पूर्व प्रधान के द्वारा इस कुएं को बंद करवा दिया गया था. अब हिंदू समाज के लोगों के द्वारा कुआं खुलवाने की मांग की गई थी. इस कुएं पर पूजा-अर्चना की जाती थी, जिसको लेकर जब लोगों के द्वारा कहा गया कि कुआं खुलवाना चाहते हैं तो हमने कहा कि कोई दिक्कत नहीं है. आपसी सहमति से कुएं को दोबारा खोला जा रहा है.



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