मायावती के फरमान के बाद एक्शन में आए आकाश आनंद, दलितों को दिया बड़ा संदेश, कहा- ‘बसपा से जुड़िए, सुरक्षित रहिए’


मायावती और आकाश आनंद.
उत्तर प्रदेश की सियासत में बसपा अपने खोए हुए सियासी जनाधार को वापस लाने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी है. बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश बसपा के जिला संगठन से जुड़े हुए लोगों के साथ बैठक की, जिसमें पार्टी संगठन के कार्यो की समीक्षा की. इस दौरान कार्यकर्ताओं को सूबे की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर आवाज उठाने का दिशा-निर्देश दिया.
मायावती की बैठक के बाद आकाश आनंद ने बड़ा हमला बोला है. आकाश ने अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर कहा कि ‘बसपा से जुड़िए, सुरक्षित रहिए.’ इस तरह से आकाश आनंद ने सीधे तौर पर संदेश देने की कवायद की बसपा से जुड़ने पर ही सुरक्षित रह सकते हैं. माना जा रहा है कि उन्होंने सीधे तौर पर दलित समाज को बड़ा संदेश दिया है.
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बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ के मॉल एवेन्यू स्थित पार्टी प्रदेश कार्यालय में वरिष्ठ पदाधिकारियों, सभी जिलाध्यक्षों और अन्य जिम्मेदार लोगों के साथ बैठक की.. इस दौरान यूपी के कानून व्यवस्था पर मायावती ने जिला यूनिट को कड़ा संदेश दिया. पिछले दिनों उन्हें जिला यूनिट से फीडबैक मिला था कि सरकारी तंत्र के जुल्म ज्यादती से लोग परेशान हैं.
आकाश आनंद ने दलितों को दिया ये संदेश
मायावती ने पार्टी नेताओं को निर्देश दिया कि पुलिसिया जुल्म ज्यादती के खिलाफ आवाज उठाएं और लोगों को बीएसपी में जोड़ें. बसपा अपने खोए हुए सियासी जनाधार को वापस जोड़ने के लिए अब कानून व्यवस्था का मुद्दा बनाने की रणनीति बनाई है, जिसकी हरी झंडी मायावती ने खुद दिया है. इसके बाद ही आकाश आनंद ने ट्वीट कर कहा कि बसपा से जुड़िए और सुरक्षित रहिए. इस तरह बसपा ने अब यूपी की कानून व्यवस्था और पुलिसिया जुल्म-ज्यादतियों को मुद्दा बनाने की स्टैटेजी मानी जा रही है.
बीएसपी से जुड़िए, सुरक्षित रहिए।
जय भीम, जय भारत। https://t.co/5CJYGz4RyC
— Akash Anand (@AnandAkash_BSP) January 16, 2025
बसपा प्रमुख ने जिला पार्टी संगठन के फीडबैक पर प्रदेश की कानून व्यवस्था का मुद्दा बनाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था के नाम पर जिस प्रकार जिलों में दमनकारी नीति अपनाकर अधिकतर गरीब, मजलूमों, बेसहारा और मेहनतशक लोगों को गिरफ्तार कर जेल में बंद किया जा रहा है. सूबे में स्थिति पुलिसिया राज जैसी लगती है. यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट की तरह गंभीर और संवेदनशील होकर संविधान धर्म की जिम्मेदारी निभानी चाहिए.
यूपी में कानून राज पर मायावती ने उठाए सवाल
साथ ही मायावती ने कहा कि विरोधियों के खिलाफ खासकर पुलिस कार्रवाई से लोगों का सवाल उठना स्वाभाविक है कि यूपी में यह कैसा कानून का राज है? सत्ताधारी लोगों के लिए उनके हर जुर्म की अनदेखी क्यों है? क्या इससे कानून-व्यवस्था सुधर पाएगी? इतना ही नहीं बल्कि सिविल मुकदमे को भी क्रिमनल केस की तरह कार्रवाई करना भी क्या उचित है? इसका राज्य सरकार को जरूर समुचित संज्ञान लेना चाहिए, क्योंकि इसके विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट को भी संज्ञान लेना पड़ा है. जिला प्रशासन और पुलिस का रवैया ज्यादातर मामलों में राजनीतिक, सांप्रदायिक और जातिवादी द्वेष से किया जा रहा है.. यह सब भाजपा की नीति के तहत वोट की राजनीति के लिए सरकारी मशीनरी व पुलिस का अनुचित इस्तेमाल किया जा रहा है.
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि देश में दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग और धार्मिक अल्पसंख्यक खासकर मुस्लिम समाज के प्रति बीजेपी, कांग्रेस का जातिवादी और सांप्रदायिक रवैया नहीं बदला है. इन समाज के लिए बसपा की ईमानदारी से काम की है. बसपा ने चार बार सरकार बनाई और सभी वर्ग के लिए बिना भेदभाव के काम किया है. मायावती ने बसपा के लोगों को तन, मन और धन से कमर कसकर विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट जाने का दिशा-निर्देश दिया.