बच्चों बताओ देश के PM कौन हैं? जब मंत्री जी ने छात्रों से पूछा…तो मिला ये जवाब | Hardoi UP Education Minister Rajni Tiwari school children not tell the names of PM and CM


हरदोई के स्कूल में पहुंची उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी
उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में पढ़ाई के स्तर इतना खराब है कि यहां के बच्चों को देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री तक का नाम नहीं पता. इस बात का खुलासा खुद प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री के सामने हो गया. उच्चा शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी हरदोई के एक इंगलिस मीडिया स्कूल का निरीक्षण करने पहुंची थीं. उन्होंने बच्चों से पूछा कि देश के प्रधानमंत्री का नाम क्या है, बच्चे बगलें झांकने लगे. फिर उन्होंने मुख्यमंत्री का नाम पूछा, लेकिन बच्चे इस सवाल का जवाब भी नहीं दे सके.
इसके अलावा भी उन्होंने बच्चों से कई अन्य सवाल पूछे. उन्हें बुलाकर किताब पढ़वाया, ब्लैकबोर्ड पर सवाल हल कराया. इन सवालों में बच्चों की स्थिति संतोषजनक रही. लेकिन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम नहीं बता पाने पर उन्होंने गुस्सा भी जाहिर किया. शिक्षा मंत्री ने शिक्षकों को हिदायत दी कि किताबी ज्ञान के अलावा बच्चों को व्यवहारिक और सामाजिक ज्ञान भी मिलना चाहिए. कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास की जिम्मेदारी शिक्षकों की है. उन्हें अपनी जिम्मेदारी और कर्तव्यों को ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए.
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शिक्षा मंत्री इस समय हरदोई दौरे पर आई हैं. इसी दौरान उन्होंने शाहाबाद के गांव जटपुरा में परिषदीय स्कूल का निरीक्षण किया. क्लास रूम में घुसते ही मंत्री रजनी तिवारी अध्यापक की भूमिका में आ गई. उन्होंने बच्चों से सवाल जवाब करने के बाद बच्चों को पढ़ाया भी. उन्होंने बेहतर पढ़ाई के तौर तरीके सिखाए, साथ ही इस स्कूल में तैनात अध्यापकों को भी उनकी जिम्मेदारी का आभाष कराया. कहा कि शिक्षा देने का काम महज खानापूर्ति नहीं, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी का काम है.
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जनचौपाल कार्यक्रम में हरदोई पहुंचीं मंत्री रजनी तिवारी ने जनता से भी सीधा संवाद किया. उनकी समस्याएं सुनी और कुछ समस्याओं का मौके पर निस्तारण भी कराया. वहीं बाकी समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया. कार्यक्रम के आखिर में राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने बताया कि स्कूल का निरीक्षण करने और बच्चों से बात करके बहुत अच्छा लगा. बच्चे अभी छोटे हैं, इसलिए उन्हें अभी काफी कुछ सीखना बाकी है.