Get Jobs In Germany Huge Shortage Of Skilled Workers In This European Country Sought Help From India

Germany Jobs For Indian: दुनिया के कुछ विकसित देश ऐसे हैं जहां जनसंख्या वृद्धि दर बहुत कम है. जनसंख्या उम्मीदों के मुताबिक न बढ़ना और बुजुर्गों की तादाद ज्यादा हो जाना उन देशों के लिए बड़ा संकट बन जाता है. ऐसे में कई यूरोपीय और अमेरिकन आइलैंड्स शामिल हैं, जहां जरूरी संसाधन या सुविधाएं तो अच्छी-खासी हैं, लेकिन कुशल कामगारों का टोटा है.
अब जर्मनी की ही बात कर लें, तो जनसंख्या में रूस के बाद वो यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा देश है. वहां लगभग 8.2 करोड़ लोग रहते हैं, लेकिन बड़ी आबादी उम्रदराज है और कुशल कर्मचारियों की भारी कमी पड़ गई है. जर्मनी के महावाणिज्यदूत अचिम फैबिग के मुताबिक, उनका देश वर्तमान में 400,000 कुशल कर्मचारियों की कमी का सामना कर रहा है.
इस यूरोपीय देश को चाहिए हैं लाखों कर्मचारी
अचिम फैबिग इन दिनों भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई आए हुए हैं. यहां पर उन्होंने अपने देश जर्मनी में कुशल कर्मचारियों की मांग के बारे में बात की, और कहा कि वो देश की महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत की ओर ताक रहे हैं. फैबिग ने कहा कि उनके देश को वहां उपलब्ध नौकरियों के लिए नर्सों, बिजली मिस्त्रियों, सौर उपयोगिता तकनीशियनों जैसे कुशल कर्मचारियों की आवश्यकता है.
जर्मनी की 800 कंपनियों में से 300 कंपनियां यहां
फैबिग ने कहा कि भारत में जर्मनी का एक तिहाई इंवेस्टमेंट महाराष्ट्र में आता है, जहां उनके देश की 800 कंपनियों में से 300 कंपनियां काम कर रही हैं. भारत-जर्मनी की नजदीकियों का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि जर्मनी में करीब 35,000 भारतीय छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं और बड़ी संख्या में तकनीकी विशेषज्ञ वहां आईटी पेशेवरों के रूप में भी काम कर रहे हैं.
जर्मनी में जनसंख्या की वृद्धि दर काफी कम
फैबिग के मुताबिक, जर्मनी चाहता है कि उसके यहां कुशल कर्मचारियों की कमी पूरी हो, इसके लिए भारतीय युवाओं के पास मौका है. जर्मनी में जनसंख्या की वृद्धि उम्मीदों के मुताबिक न होने से जर्मन सरकार चिंतित है. इस चिंता को इस तरह समझ सकते हैं कि भारत की 28 वर्ष की औसत सीमा की तुलना में जर्मनी में 48 वर्ष की औसत आयु के साथ दुनिया की तीसरी सबसे पुरानी आबादी है.
भारत की ओर इसलिए ताक रहा जर्मनी
जर्मनी की निगाह भारत की ओर क्यों है, इसे इस फैक्ट से भी समझ सकते हैं कि अरब प्रायद्वीपीय देशों में भारत के लाखों युवा नौकरी कर रहे हैं, जो उन देशों के विकास-कार्यों में बड़ा योगदान दे रहे हैं. अकेले यूएई में ही 20 लाख से ज्यादा लोग भारतीय हैं. जर्मनी चाहता है कि जैसे बड़ी संख्या में भारतीय कामगार अरब-मुल्कों में काम करते हैं, कुछ उसी तरह हाई-स्किल्ड यूथ जर्मनी को भारत से मिलें, ताकि जर्मनी में हाई-स्किल्ड यूथ की कमी पूरी हो सके.
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