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जल्दी बनना था ‘धनकुबेर’… नकली नोट छापने लगा डॉक्टर; पुलिस ने कैसे दबोचा? | Delhi Special Police arrest BUMS Doctor and 2 others in fake currency printing case stwn

जल्दी बनना था 'धनकुबेर'... नकली नोट छापने लगा डॉक्टर; पुलिस ने कैसे दबोचा?

500 रुपये का नोट (फाइल)Image Credit source: pixabay

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने नकली नोटों की तस्करी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए तीन प्रमुख सदस्यों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों में एक अंडर-ट्रेनिंग बीयूएमएस डॉक्टर और एक सीएससी सेंटर का मालिक शामिल है. पुलिस ने इनके पास से करीब 50 लाख के नकली नोट बरामद किए गए हैं. पुलिस ने जब पूछताछ की तो आरोपियों ने बताया है कि ये लोग पिछले पांच साल में पांच करोड़ से ज्यादा नकली नोट छाप चुके हैं और उनकी सप्लाई भी कर चुके हैं. आरोपियों के नाम आसिफ अली, दानिश अली और सरताज खान है.

दरअसल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को सूचना मिली थी कि उत्तर प्रदेश के बदायूं का रहने वाला आसिफ निवासी सहसवान नकली भारतीय नोटों की छपाई और तस्करी में लगा हुआ है. पुलिस ने इसके गिरोह का भंडाफोड़ करने के लिए अपने नेटवर्क को इसके पीछे लगाया. पुलिस को हाल ही में पता चला कि 30 दिसंबर को आसिफ अपने साथियों के साथ दिल्ली के अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन पर भारी मात्रा में नकली नोट लेकर पहुंच रहा है.

जैसे ही पुलिस ये जानकारी मिली तुरंत टीम को एक्टिव किया गया और अक्षरधाम मेट्रो पर जाल बिछाया गया. पुलिस ने रात करीब 10 बजे आसिफ और उसके दो साथियों को महिंद्र टीयूवी गाड़ी में गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इनके कब्जे से करीब 50 लाख के नकली नोट बरामद किए हैं. ये सारे नोट 500 के नोट में थे. कोर्ट में पेश करने के बाद चारों आरोपियों को 4 दिन की रिमांड पर लिया गया.

रिमांड के दौरान स्पेशल सेल की टीम ने उत्तर प्रदेश के बदायू के सहसवान में उनके ठिकाने से कच्चे माल, लैपटॉप और प्रिंटर के साथ-साथ कई चीजों को बरामद किया. जिसका इस्तेमाल ये लोग नकली नोटों को बनाने के लिए किया करते थे. आरोपियों में नकली नोटों की छपाई और सप्लाई के लिए बकायदा एक सेटअप तैयार किया हुआ था.

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