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‘नागा साधु न बनता तो 10-12 कत्ल कर बैठता…’, काशी में शिवरात्रि के लिए पहुंचे तूफान गिरी ने क्यों कही ये बात?

'नागा साधु न बनता तो 10-12 कत्ल कर बैठता...', काशी में शिवरात्रि के लिए पहुंचे तूफान गिरी ने क्यों कही ये बात?

प्रतीकात्मक तस्वीर.

महाकुंभ के आखिरी दिनों में बेशक पहले से भीड़ थोड़ी कम हुई है. लेकिन अभी भी लोगों का संगम नगरी में पहुंचना जारी है. 26 फरवरी को महाकुंभ का आखिरी स्नान है. उसके बाद शिवरात्रि शुरू होगी. नागा साधु अब शिवरात्रि को लेकर प्रयागराज छोड़ वाराणसी पहुंच चुके हैं. अब यहीं पर उनका डेरा बन गया है. घाट पर आने वाले पर्यटक नागा साधुओं से आशीर्वाद ले रहे हैं. ऐसे ही एक नागा साधु हैं, तूफान गिरी महाराज. तूफान गिरी 23 साल के एक युवा साधु हैं. उन्होंने बताया कि वो कैसे नागा साधु बने.

तूफान गिरी महाराज बिहार के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया- मेरा असली नाम शुभम गिरी है. कुछ घटनाएं ऐसी हुईं, जिसके बाद मुझे बिहार रहने की इच्छा ही नहीं करती थी. सबसे बढ़िया यूपी है, जहां रहकर मैंने पढ़ाई की और अब संन्यासी हो गया हूं. मुझे किसी से मतलब नहीं. मैंने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से शास्त्री की डिग्री ली है. काशी मुझे शुरू से ही अच्छी लगती है. यहीं रहकर मैंने संन्यासी बनने का मन बनाया था.

उन्होंने बताया- 2014 से ही मैंने संन्यासी बनने का फैसला किया. अपने गुरु महाराज के आदेश अनुसार कार्य करने लगा. अगर मैं साधु नहीं बनता, तो अपराधी बन जाता. घर पर रहता तो शर्तिया 10-12 लोगों की हत्या मेरे हाथों से हो जाती. हमारे क्षेत्र में छोटी-छोटी बातों पर झगड़े होते थे. कभी जमीन का विवाद, कभी रिश्तों का विवाद। मेरा मन बहुत दुखी रहता था. इसलिए धर्म तरफ मेरा झुकाव होने लगा. अगर किसी कार्य के लिए सोचा जाएगा, तो वह कार्य सफल जरूर होता है. मैंने सोच लिया था कि अब बस भगवान का बनकर रहूंगा.

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इस साल बना नागा साधु

तूफान गिरी ने बताया- हमारा कोई नाम नहीं होता है, हमें दो नामों से जाना जाता है, पहला-प्रेम पट, दूसरा-योगपट. मैं प्रेमपट के नाम से जाना जाता हूं. जूना अखाड़े से संबंध रखता हूं. हमने रवि गिरी महाराज से दीक्षा ली है. इस साल नागा साधु बन गया हूं.

काशी की ऐतिहासिक महाशिवरात्रि

महाकुंभ वर्ष में पड़ने वाली महाशिवरात्रि इस बार ऐतिहासिक होने वाली है. काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ भीड़ उमड़ने की संभावना है. इसे देखते हुए मंदिर प्रशासन ने VIP दर्शन, स्पर्श दर्शन, विशेष दर्शन और सभी प्रोटोकॉल को पूरी तरह से निलंबित कर दिया है. श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि इस बार महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की संख्या पिछले साल से कहीं ज्यादा होने वाली है. महाकुंभ के कारण हर दिन हजारों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं, ऐसे में 26 फरवरी को ऐतिहासिक भीड़ देखने को मिलेगी.

महाशिवरात्रि की रात 12 बजे से मंगला आरती के बाद दर्शन-पूजन शुरू हो जाएगा और अगले दिन की भोग आरती तक लगातार 32 घंटे तक चलता रहेगा. इस दौरान किसी भी प्रकार की स्पेशल एंट्री या टिकट बुकिंग उपलब्ध नहीं होगी.

पिछले साल पहुंचे थे 10 लाख श्रद्धालु

2023 में 10 लाख से अधिक भक्तों ने रात्रि 12 बजे तक बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए थे, जो भोर तक 12 लाख तक पहुंच गया था. इस बार यह संख्या और बढ़ने की संभावना है, इसलिए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए एन्ड टू एन्ड बैरिकेडिंग और चिकित्सकीय टीम को तैनात किया गया है.

VIP दर्शन पूरी तरह बंद

महाशिवरात्रि पर VIP दर्शन, स्पर्श दर्शन और विशेष दर्शन पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे. मंदिर न्यास की ओर से ही रुद्राभिषेक पारंपरिक विधि से संपन्न कराया जाएगा. काशी के भक्त शिव बारात में शामिल होने के साथ-साथ बाबा के दर्शन को लेकर बेहद उत्साहित हैं. मंदिर प्रशासन की तरफ से श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन कराने की पूरी व्यवस्था की जा रही है.



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