नहीं बनी थी सड़क…रात भर बच्चे को लेकर धरने पर बैठे रहे मां बाप, मासूम की हो गई मौत | Bareilly Municipal Corporation protest for road death of innocent child 76 years of independence


नगर निगम के बाहर धरने पर बैठे ग्रामीण
उत्तर प्रदेश के बरेली से एक दिल दहलाने वाली खबर है. यहां नगर निगम के बाहर धरने पर बैठे एक दंपत्ति के एक साल के मासूम बच्ची की ठंड लगने से मौत हो गई है. सड़क की मांग को लेकर यह दंपत्ति अन्य ग्रामीणों के साथ कई दिन से धरने पर थी. बावजूद इसके कोई सुनवाई नहीं हो रही है. खुले आसमान के नीचे बैठने की वजह से इस बच्ची को ठंड लग गई थी. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. अब बच्चे की मौत के बाद निगम अधिकारियों ने मांगें मान ली हैं, इसके बाद धरना समाप्त कर दिया गया है.
मामला बरेली के थाना सीवीगंज थाना क्षेत्र के गांव परसाखेड़ा गौटिया का है. ग्रामीणों के मुताबिक आजादी के 76 साल बाद भी गांव में सड़क नहीं है. इसके लिए समय समय से गांव के लोग अलग अलग मंचों पर मुद्दा उठाते रहे हैं. बावजूद इसके अब तक किसी भी सरकारी एजेंसी ने पहल नहीं की. जबकि ग्रामीणों को रोज सड़क के अभाव में रेलवे लाइन पार करना पड़ता है. ऐसे में अब तक 20 से अधिक लोगों की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो चुकी है. ऐसे में ग्रामीणों ने इस बार आर पार की लड़ाई का फैसला किया और निगम कार्यालय के बाहर धरना शुरू कर दिया गया.
ये भी पढ़ें: शिवमंदिर तोड़ा, लिखा- हिंदुओं को मार दूंगा, बरेली में हैरान करने वाली घटना
इस धरने में इसी गांव के रहने वाले हरीश चंद्र भी शामिल थे. हरीश के मुताबिक धरने में अन्य ग्रामीणों के साथ उनकी पत्नी भी शामिल हुई. चूंकि उसकी गोद में एक साल की बेटी विद्या भी थी और सभी लोग नगर निगम के गेट पर धरने पर बैठे थे. ऐसे में रात के समय ठंड लगने से उनकी बेटी की हालत खराब हो गई. सुबह होने पर वो बेटी को लेकर डॉक्टर के पास पहुंचे, जहां उन्हें बताया गया कि बेटी को निमोनिया हो गया है. इसके बाद वह बेटी को लेकर निजी अस्पताल जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही बेटी की मौत हो गई. यह खबर मिलते ही उसके घर में कोहराम मच गया.
बच्ची के नाम से होगी सड़क
उधर, घटना की जानकारी निगम अफसरों को मिली तो उनके भी हाथ पांव फूल गए. आनन फानन में अफसरों ने ग्रामीणों के साथ मीटिंग की और बताया कि गांव में सड़क बनाने के लिए प्रस्ताव बनाकर जल्द ही सरकार को भेजा जाएगा. इस आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने धरना खत्म कर दिया है. वहां से लौटने के बाद ग्रामीणों ने मासूम बच्ची का अंतिम संस्कार किया. कहा कि जब भी यह सड़क बनेगी, इसका नामकरण इस बच्ची के नाम से किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: साइंस टीचर की पत्नी के नाम के साथ लिखा आई लव यू, बवाल
नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स ने बताया कि उन्हें बच्ची की मौत की जानकारी नहीं है. उन्होंने बताया कि परसाखेड़ा की सड़क के लिए उन्होंने शासन को पत्र लिखा था, जिसमें नगर निगम की वित्तीय स्थिति की भी जानकारी दी गई थी. इसके बाद शासन से एक सशर्त शासनादेश भी जारी हुआ था. इस प्रक्रिया के दौरान ही पता चला कि वहां से एक रिंग रोड निकल रही है और इससे गांव की सर्विसलेन कनेक्ट हो रही है. ऐसे में दूसरी सड़क बनाना सरकारी धन का दुरुपयोग होगा. यही बात धरना दे रहे ग्रामीणों को समझाया गया है.