Supreme Court Ordered Ford India To Pay Rs 42 Lakh As Compensation To Consumer Who Filed Manufacturing Defects Complaint

Supreme Court Fines Ford India: सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए फोर्ड इंडिया लिमिटेड (Ford India) को एक ग्राहक को 42 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है. ये मामला फोर्ड टाइटेनियम एंडेवर 3.4L कार से जुड़ा हुआ है. कार मलिक ने कंपनी पर कार के मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट को लेकर केस किया था. शिकायतकर्ता ने कार खरीदने की शुरुआत से ही तेल रिसाव सहित कई डिफेक्ट को लेकर पंजाब राज्य उपभोक्ता आयोग के समक्ष एक शिकायत दर्ज कराई थी.
इसके बाद राज्य आयोग ने कंपनी को मुफ्त में इंजन बदलने और शिकायतकर्ता को प्रतिदिन 2,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया. राष्ट्रीय आयोग ने भी इस आदेश की पुष्टि की, जिसके बाद फोर्ड इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की.
फोर्ड ने कार का इंजन बदला
सुप्रीम कोर्ट में अपील लंबित रहने के दौरान फोर्ड ने कार का इंजन बदल दिया Le. हालांकि, इंजन बदलने के बाद भी कार मलिक ने कहा कि कार सड़क पर चलने लायक नहीं थी. इसमें कई समस्याएं थीं जिससे गाड़ी चलाना मुश्किल हो जाता है.
कोर्ट ने दिया ये आदेश
इन फैक्ट्स को ध्यान में रखते हुए जस्टिस सूर्यकांत और दीपांकर दत्ता की पीठ ने फोर्ड को कार मालिक को 42 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया. चूंकि राज्य आयोग के आदेश के बाद कंपनी की ओर से पहले ही 6 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया था. इसलिए अब फोर्ड को शेष 36 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ा. इसके अलावा उन्हें कार के बीमा के लिए 87,000 रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया गया.
ग्राहक को लौटानी होगी कार
कार मालिक को मुआवजा राशि मिलने पर गाड़ी कंपनी को सौंपनी होगी. बता दें कि, बीते मार्च के महीने में फोर्ड मोटर ने अपनी कई कारों को वापस बुलाया था. NHTSA की एक रिपोर्ट के अनुसार, फोर्ड मोटर ने अपने रिकॉल में फोर्ड रेंजर मॉडल की कारों के एयरबैग इन्फ्लेटर रिप्लेसमेंट के लिए उन्हें वापस बुलाया था. इन कारों का निर्माण 2004-2006 के बीच किया गया था.
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