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ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक हो या नहीं, फैसला आज, ‘वजू खाने’ की सफाई पर भी सुनवाई | Gyanvapi Masjid Case decision today on gyanvapi survey report should be made public or not vaju khana

ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक हो या नहीं, फैसला आज, 'वजू खाने' की सफाई पर भी सुनवाई

ज्ञानवापी मस्जिद. (फाइल फोटो)

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने वाराणसी की एक जिला कोर्ट से ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे की अपनी रिपोर्ट को कम से कम चार हफ्तों तक सार्वजनिक नहीं करने की बुधवार को अपील की थी. जिसके बाद कोर्ट ने मामले को आज तक के लिए टाल दिया था. वहीं अब आज इस मामले पर सुनवाई होगी. हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि वाराणसी की जिला कोर्ट के जज एके विश्वेश ने मामले को गुरुवार यानी आज तक के लिए टाल दिया था. मदन मोहन के मुताबिक, एएसआई ने सीलबंद सर्वे रिपोर्ट खोलने से पहले कोर्ट से चार हफ्ते का और समय मांगा है.

वकील मदन मोहन ने कहा कि एएसआई ने चार हफ्ते का समय मांगते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के हालिया फैसले का हवाला दिया है. बता दें कि हाई कोर्ट ने पिछले साल 19 दिसंबर को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद की मौजूदगी वाली जगह पर कथित मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग संबंधी मुकदमे की पोषणीयता को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्षों की कई याचिकाओं को खारिज कर दिया था.

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ज्ञानवापी के सर्वे का आदेश

न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि वर्ष 1991 का पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम किसी प्रार्थनागृह के धार्मिक चरित्र को परिभाषित नहीं करता है और इसे केवल विरोधी पक्षों द्वारा अदालत में प्रस्तुत साक्ष्य के माध्यम से निर्धारित किया जा सकता है. हाईकोर्ट ने निचली अदालत को इस मामले को छह महीने के अंदर निपटाने के निर्देश देते हुए कहा था कि अगर जरूरी हो तो निचली अदालत एएसआई को आगे के सर्वे के लिए निर्देश दे सकती है.

जिला कोर्ट के 21 जुलाई 2023 के आदेश के बाद एएसआई ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वे किया था. इसका उद्देश्य यह पता लगाना था कि 17 वीं शताब्दी में बनी ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं.

‘वज़ू खाने’ की सफाई पर फैसला

जिला कोर्ट में बुधवार को सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष ने कहा कि मस्जिद के ‘वज़ू खाने’ की सफाई के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मांगी जाए क्योंकि वहां कई मछलियां मर गई हैं. मुस्लिम पक्ष ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि वजू खाना उसकी संपत्ति है और इसे साफ करने की ज़िम्मेदारी उसे ही दी जानी चाहिए. हिंदू पक्ष ने जिला अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वजू खाना सील कर दिया गया है. ऐसे में उसकी सफाई या तो वह करे या फिर प्रशासन कराए. इस मामले पर भी अदालत गुरुवार को फैसला सुनाएगी.

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