बंद लिफाफे में मांगे गए सबूत… यूपी में BJP के खराब प्रदर्शन की ढूंढी जा रही वजह | BJP poor performance UP Lok Sabha Election Results candidates Meeting bhupendra Chowdhury Dharmpal Singh


बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी (फाइल फोटो)
यूपी में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के खराब प्रदर्शन को लेकर समीक्षा बैठक शुरू हो गई है. नतीजे आने के बाद कुछ उम्मीदवारों ने पार्टी के प्रदेश नेतृत्व से भितरघात को लेकर शिकायत की थी. ऐसे नेताओं से लिखित में शिकायत भेजने को कहा गया था. कुछ उम्मीदवारों ने बंद लिफाफे में सबूत समेत हार की वजहें बताई हैं. अब नए सिरे से आज से समीक्षा शुरू हुई है. इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 29 सीटें हार गई. इनमें 26 सींटिंग सांसद हैं. बीजेपी इस बार 33 सीटें ही जीत पाई.
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह ने आज से मीटिंग शुरू की है. एक-एक सीट पर हार की समीक्षा करने का फैसला हुआ है. सबसे पहले अवध क्षेत्र के हारे हुए 9 प्रत्याशियों को बुलाया गया.
बाराबंकी, सीतापुर, खीरी, श्रावस्ती, मोहनलालगंज, रायबरेली, फैजाबाद, अंबेडकरनगर और धौरहरा के हर प्रत्याशी बुलाए गए. हर सीट की विस्तार से समीक्षा हो रही है. बैठक में आगामी कार्यक्रमों के साथ बीजेपी यूपी की 44 सीटों पर हुई हार को लेकर भी चर्चा हो रही हैं.
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जमीनी पड़ताल करेगी बीजेपी की टीम
बीजेपी इन सीटों पर भेजने के लिये प्रदेश पदाधिकारी, पूर्व विधायक और विधायकों की एक टीम बना रही है. यह टीम इन सभी लोकसभा क्षेत्र में जाकर जमीनी पड़ताल करेगी. यह टीम पता करेगी कि हार के मुख्य कारण क्या रहे हैं?
बीजेपी के कुछ जीते और कुछ हारे हुए उम्मीदवार पार्टी नेताओं की भितरघात को सबसे बड़ी वजह बता चुके हैं. मोदी सरकार में मंत्री रहे कौशल किशोर इस बार मोहनलालगंज सुरक्षित सीट से हार गए.
उन्होंने आज बैठक में कहा कि उन्हें अपनों ने मिलकर हराया. संविधान और आरक्षण खत्म होने की अफवाह का भी असर रहा. उन्नाव के सांसद साक्षी महाराज से लेकर बांदा से चुनाव हारे आर के पटेल की भी यही शिकायत है.
बीजेपी ने दिया था 400 पार का नारा
बता दें कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में 400 पार का नारा दिया था. चुनाव के दौरान बीजेपी ने दावा किया था कि एनडीए की सीटों की संख्या बढ़कर 400 से अधिक हो जाएगी, लेकिन चुनाव परिणाम में देखा गया कि यूपी सहित कई राज्यों में बीजेपी के प्रदर्शन अच्छे नहीं रहे हैं. अब पार्टी ने हार की समीक्षा शुरू की है.