लाइफस्टाइल

कुर्सी नहीं जमीन पर बैठने की बनाएं आदत, दूर होगा टेंशन, खुश रहेगा तन और मन, उम्र भी बढ़ेगी

फर्श पर बैठना कुर्सी-सोफा या बेड पर बैठने से ज्यादा फायदेमंद होता है. फर्श यानी जमीन पर बैठना हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा रहा है. हमारे यहां जमीन पर बैठकर खाने की पुरानी परंपरा रही है. आज भी गांवों में ज्यादातर लोग जमीन पर ही बैठकर खाना पसंद करते हैं. ऐसा करने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं. फर्श पर बैठने से सेहत (Health)को जबरदस्त बेनिफिट्स मिल सकते हैं. इससे पाचन सुधरता है, बॉडी की फ्लैक्सिबिलिटी बनी रहती है और कई अन्य फायदे होते हैं. यहां जानिए जमीन पर बैठने के 7 फायदे...

फर्श पर बैठना कुर्सी-सोफा या बेड पर बैठने से ज्यादा फायदेमंद होता है. फर्श यानी जमीन पर बैठना हमारी संस्कृति का अहम हिस्सा रहा है. हमारे यहां जमीन पर बैठकर खाने की पुरानी परंपरा रही है. आज भी गांवों में ज्यादातर लोग जमीन पर ही बैठकर खाना पसंद करते हैं. ऐसा करने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं. फर्श पर बैठने से सेहत (Health)को जबरदस्त बेनिफिट्स मिल सकते हैं. इससे पाचन सुधरता है, बॉडी की फ्लैक्सिबिलिटी बनी रहती है और कई अन्य फायदे होते हैं. यहां जानिए जमीन पर बैठने के 7 फायदे…

जमीन पर पद्मासन यानी पलथी लगाकर बैठना मेडिटेशन के लिए फायदेमंद होता है. इस आसन से तनाव कम होता है और शरीर में ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ता है. इस स्थिति में बैठने से रीढ सीधी होती है और कंधे की मांसपेशियों को आराम मिलता है.

जमीन पर पद्मासन यानी पलथी लगाकर बैठना मेडिटेशन के लिए फायदेमंद होता है. इस आसन से तनाव कम होता है और शरीर में ऑक्सीजन सप्लाई बढ़ता है. इस स्थिति में बैठने से रीढ सीधी होती है और कंधे की मांसपेशियों को आराम मिलता है.

जमीन पर बैठने से शरीर की बहुत सी मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे फ्लैक्सिबिलिटी यानी लचक बढ़ती है. जिससे शरीर कई समस्याओं से बच सकता है और हमेशा एक्टिव बना रहता है. इससे ऊर्चा का सही संचार होता है.

जमीन पर बैठने से शरीर की बहुत सी मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे फ्लैक्सिबिलिटी यानी लचक बढ़ती है. जिससे शरीर कई समस्याओं से बच सकता है और हमेशा एक्टिव बना रहता है. इससे ऊर्चा का सही संचार होता है.

बिजी लाइफस्टाइल के बीच ज्यादातर लोग आज किसी न किसी दर्द से गुजरते हैं. इस दर्द को कम करने के लिए आप फर्श पर बैठ सकते हैं. ऐसा करने से पीठ के निचले हिस्से, कमर और पेट की मांसपेशियां मजबूत बनती है और पैरों, घुटनों और कूल्हों की ताकत भी बढ़ती है, जिससे दर्द कम हो सकता है.

बिजी लाइफस्टाइल के बीच ज्यादातर लोग आज किसी न किसी दर्द से गुजरते हैं. इस दर्द को कम करने के लिए आप फर्श पर बैठ सकते हैं. ऐसा करने से पीठ के निचले हिस्से, कमर और पेट की मांसपेशियां मजबूत बनती है और पैरों, घुटनों और कूल्हों की ताकत भी बढ़ती है, जिससे दर्द कम हो सकता है.

क्रॉस लेग पोजीशन में बैठने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़िया होता है. यह नसों को शांत करने का काम करता है, इससे तनाव दूर हो सकता है. जमीन पर बैठने से हार्ट की हेल्थ भी बेहतर बनी रहती है. इससे दिल पर कम दबाव पड़ता है. सुखासन में बैठने से ब्लड सर्कुलेशन सही बना रहता है.

क्रॉस लेग पोजीशन में बैठने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़िया होता है. यह नसों को शांत करने का काम करता है, इससे तनाव दूर हो सकता है. जमीन पर बैठने से हार्ट की हेल्थ भी बेहतर बनी रहती है. इससे दिल पर कम दबाव पड़ता है. सुखासन में बैठने से ब्लड सर्कुलेशन सही बना रहता है.

कुर्सी या सोफे पर बैठने पर पूरा दबाव हिप्स पर आ जाता है. इससे शरीर का सारा बोझ उठने में दिक्कत होती है लेकिन अगर आप जमीन पर बैठते हैं तो सारा भार हिस्प के अलावा जांघों में बंट जाता है, जिससे काफी राहत मिलती है, जोड़ों को आराम मिलता है.

कुर्सी या सोफे पर बैठने पर पूरा दबाव हिप्स पर आ जाता है. इससे शरीर का सारा बोझ उठने में दिक्कत होती है लेकिन अगर आप जमीन पर बैठते हैं तो सारा भार हिस्प के अलावा जांघों में बंट जाता है, जिससे काफी राहत मिलती है, जोड़ों को आराम मिलता है.

Published at : 21 May 2024 08:12 PM (IST)

हेल्थ फोटो गैलरी

हेल्थ वेब स्टोरीज

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button