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ऐश की जिंदगी, साथ रहने की चाहत… गर्लफ्रेंड के लिए सरकारी वेबसाइट हैक कर उड़ाए करोड़ों रुपए | Kanpur boyfraind Crores of rupees spent by hacking government website for girlfriend-stwma

ऐश की जिंदगी, साथ रहने की चाहत... गर्लफ्रेंड के लिए सरकारी वेबसाइट हैक कर उड़ाए करोड़ों रुपए

सांकेतिक तस्वीर

प्यार में आशिक अपनी गर्लफ्रेंड के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहता है. मोहब्बत में कोई ताज महल बनवा देता है तो कोई अपराध कर बैठता है. प्यार में अपराध करने का मामला कानपुर में सामने आया. यहां एक लवर कपल ने जिंदगी ऐश से गुजारने के लिए सरकारी वेबसाइड को हैक कर डाला. आरोपियों ने लेबर बोर्ड की वेबसाइट हैक कर डाली. उन्होंने फर्जी तरीके से करोड़ों रुपए पार कर दिए.

आरोपियों ने कन्या विवाह सहायता योजना में फर्जी आवेदन और अधिकारियों के डिजिटल सिग्नेचर कर एक करोड़ 7 लाख रुपया ट्रांसफर करा लिया. विभाग ने इसकी जांच की तो कार्रवाई की गई. इस ठगी के काम में उनके अन्य साथी भी शामिल रहे. पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. पुलिस ने आरोपियों के पास से आभूषण और इलेक्ट्रिक डिवाइस बरामद की है. वहीं, कई खातों को फ्रीज किया गया है.

अपात्र श्रमिकों के खातों में कराया एक करोड़ 7 लाख रुपए ट्रांसफर

कानपुर में लेबर विभाग की तरफ से 12 दिन पहले शिकायत दर्ज कराई गई थी कि किसी ने विभाग की वेबसाइट के साथ फर्जीवाड़ा करके करोड़ों रुपए पार कर दिए हैं. शिकायत के अनुसार, साइबर अपराधियों द्वारा UPBOCW द्वारा संचालित कन्या विवाह सहायता योजना के अंतर्गत अनुदान के फर्जी आवेदन करके और अधिकारियों के फर्जी डिजिटल सिग्नेचर करके 196 अपात्र श्रमिकों के खातों में एक करोड़ 7 लाख रुपया ट्रांसफर कर दिया गया.

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गर्लफ्रेंड के साथ मिल कर दिया करोड़ों का फर्जीवाड़ा

यह मामला सामने आने पर क्राइम ब्रांच ने 4 टीमों का गठन किया. जल्द ही टीम ने इस मामले के 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. इस कांड का मास्टर माइंड उदित मिश्रा था जो विभाग की सीएससी चलाता था. उदित को सीएससी चलाने में पुरुस्कार भी मिल चुका था. पुलिस पूछताछ में उसने बताया कि उसने अपनी प्रेमिका नैंसी ठाकुर के साथ मिलकर ऐश की जिंदगी जीने के मकसद से इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया. उन्होंने इस मामले में 4 अन्य लोगों को शामिल करके कई सारे फर्जी खातों में अनुदान के पैसे भेजे. वह खाता धारकों को कुछ कमीशन देकर बाकी पैसा वापस ले लेते थे.

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