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यूपी सरकार के खिलाफ लामबंद हुए अयोध्या के संत, जानिए क्या है मामला | uttar pradesh government Ayodhya Saints upset over land issues

यूपी सरकार के खिलाफ लामबंद हुए अयोध्या के संत, जानिए क्या है मामला

अयोध्याImage Credit source: PTI

अयोध्या जिला प्रशासन और सरकार के खिलाफ संतों ने मोर्चा खोल दिया है, जिसको लेकर सभी प्रमुख साधु-संतों ने अयोध्या के ही मणिराम दास छावनी में एक बड़ी बैठक बुधवार देर शाम की थी. बैठक में अयोध्या के संतों की ओर से जिला प्रशासन के द्वारा सरयू तट क्षेत्र को डूब क्षेत्र घोषित करने के विरोध को लेकर मंथन किया गया. बैठक में सभी संत समाज के संतों ने जिला प्रशासन और योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. यही नहीं, अयोध्या के संत समाज ने जिला प्रशासन के द्वारा घोषित किए गए डूब क्षेत्र को पुनः बहाल किए जाने को लेकर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी.

बैठक में संतों ने कहा है कि अगर जिला प्रशासन उनकी बात को नहीं मानता है तो वह इस मामले को लेकर बड़े जन आंदोलन की ओर जाएंगे. मणिराम दास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास के नेतृत्व में मणिराम दास छावनी के वाल्मीकि भवन में बैठक हुई थी. बैठक में संतों ने जिला प्रशासन के द्वारा डूब क्षेत्र घोषित की गई मठ-मंदिरों की जमीनों को लेकर कड़ी आपत्ति जताई. साधु-संतों ने इस पूरे मामले को लेकर सरकार और जिला प्रशासन को चेतावनी भी दी है. हालांकि उनकी बैठक होने के 24 घंटे के अंदर ही इस मामले को लेकर अयोध्या जिला प्रशासन हरकत में आया. आनन-फानन में सभी संतों को बुलाकर जिला अधिकारी नीतीश कुमार के नेतृत्व में गुरुवार देर शाम फिर एक संतों की बैठक बुलाई गई.

बैठक से बाहर निकलने के बाद साधु-संतों ने इसको बेनतीजा बता दिया. यहां तक कि कुछ संतों ने जिला प्रशासन पर गुमराह करने का भी आरोप लगाया है. संतों का कहना है कि अयोध्या की पहचान मठ-मंदिर से है, सरयू से है, साधु संतों से है. लेकिन, जिला प्रशासन ने सरयू तट क्षेत्र को बाढ़ क्षेत्र घोषित कर दिया गया है.

सभी क्षेत्रों को फ्री होल्ड घोषित किया जाए- संत

उन्होंने कहा कि संतों को खतौनी से निकाल दिया जा रहा है. हम लोग चाहते हैं कि जहां संतों का बसेरा है, उनका गौशाला है और उनका वर्षों से वहां आना-जाना है उन सभी क्षेत्रों को फ्री होल्ड घोषित किया जाए. किसी को भी न उजाड़ा जाए. हम अयोध्या में विकास के पक्षधर हैं. हम विकास के विरोधी नहीं हैं, लेकिन साधु-संतों को उजाड़ कर विकास करना ठीक नहीं है. इस बात को कई बार मुख्यमंत्री जी से भी बताया गया है, लेकिन इस पर कोई विचार नहीं हुआ है. हम लोग पुनः एक बार फिर मुख्यमंत्री जी के पास जाएंगे. हम अपनी पीड़ा को मुख्यमंत्री जी से बताएंगे.

वहीं बैठक के बाद कुछ संतों का कहना है कि मुख्यमंत्री जी अयोध्या आते हैं, लेकिन जिन संतों से वह मिलते हैं उनके पास लग्जरी व्यवस्था है. वह वहीं मिलते हैं और मालपुआ खाते हैं, चले जाते हैं. मुख्यमंत्री जी से यह कहा गया था कि जो आपने साधु-संतों के आश्रमों को रेती और सोती घोषित किया है उनको बहाल कीजिए. साधु-संत कहां जाएंगे, लेकिन इस पर भी कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला.

इस मामले पर विधि सम्मत कार्रवाई होगी- जिला अधिकारी

वहीं, इस पूरे मामले में अयोध्या के जिला अधिकारी नीतीश कुमार का कहना है कि हम लोगों ने साधु-संतों के साथ बैठक की है. उनकी बातों को सुना है. इस मामले में जो भी विधि सम्मत कार्रवाई होगी वह की जाएगी. रामपथ, भक्ति पथ और जन्मभूमि पाठ के चौड़ीकरण में जितनी भी जमीन हम लोगों ने ली है, उन सब का विधिवत मुआवजा दिया गया है. यही नहीं, इस मामले पर जिन लोगों को जो आपत्ति थी उस पर हम लोगों ने संतों के साथ बैठक करके विचार विमर्श किया है.

उन्होंने कहा कि सभी संतों ने अयोध्या में हो रहे कुछ कामों की सराहना भी की है और जो काम अयोध्या में हो रहे हैं उन कार्यों से भी हम लोगों ने संतों को अवगत कराया है. संतों की जो कुछ क्वेरी है उसके लिए हम लोगों ने कहा है कि हम एक टीम बनाकर मामले का सर्वेक्षण करेंगे. उसके बाद विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.

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